रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब भूमि रजिस्ट्री करना पहले की तुलना में कहीं अधिक आसान और पारदर्शी हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने पुरानी, जटिल और समय लेने वाली व्यवस्था को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाकर नागरिक सेवाओं में एक क्रांतिकारी बदलाव किया है।
पहले आम नागरिकों को रजिस्ट्री कराने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे और फाइलें महीनों तक लंबित रहती थीं। इस प्रक्रिया में बिचौलियों का दबदबा इतना बढ़ गया था कि आम आदमी का काम मुश्किल हो गया था। गलत एंट्री, नकली दस्तावेज, फर्जी हस्ताक्षर और दोहरी बिक्री जैसी घटनाएँ आम थीं, जिससे लंबी मुकदमेबाज़ी और जनता में अविश्वास बढ़ता था।
अब कम्प्यूटरीकृत रजिस्ट्री प्रणाली, मोबाइल एप, आधार-PAN इंटीग्रेशन, My Deed मॉड्यूल और जियो-रेफ्रेशिंग जैसी तकनीकों से नागरिक घर बैठे ही आवेदन कर सकते हैं।
मुख्य सुधार और सुविधाएं:
-
ऑनलाइन आवेदन: पोर्टल या मोबाइल एप से रजिस्ट्री आवेदन।
-
PAN और आधार इंटीग्रेशन: खरीदार और विक्रेता की पहचान सुनिश्चित।
-
My Deed मॉड्यूल: सभी दस्तावेज़ सुरक्षित संग्रहित।
-
डिजिटल स्टांप शुल्क भुगतान: प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित।
-
जियो-रेफ्रेशिंग: भूमि की वास्तविक स्थिति और सीमाओं की पुष्टि।
-
ई-रजिस्ट्री: डिजिटल हस्ताक्षर सहित अंतिम दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य।
इस डिजिटल पहल से नागरिकों का समय और धन दोनों बचेंगे, बिचौलियों का दखल खत्म होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। भविष्य में ब्लॉकचेन और एआई तकनीक के जोड़ से यह पूरी तरह विवाद-मुक्त और तेज़ प्रणाली बन जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने यह कदम न केवल तकनीकी उन्नति के लिए उठाया है, बल्कि नागरिक सशक्तिकरण और सुशासन की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण पहल है।

