चाहे पढ़ाई हो, काम हो या रोजमर्रा की जिंदगी, एक अच्छी याददाश्त हमें हर क्षेत्र में मदद करती है। लेकिन कुछ आदतें ऐसी हैं, जो हमारी याददाश्त को धीरे-धीरे कमजोर बना देती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही 10 आदतों के बारे में, जिनकी वजह से धीरे-धीरे व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो सकती है।
नींद की कमी
नींद हमारे दिमाग के लिए बेहद जरूरी है। नींद की कमी से ब्रेन सेल्स ठीक से काम नहीं कर पाते, जिससे याददाश्त कमजोर होने लगती है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है।
अनहेल्दी डाइट
खानपान का सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है। जंक फूड, तली-भुनी चीजें और शुगर वाली चीजें दिमाग की काम करने की क्षमता को कम कर देते हैं। विटामिन, मिनरल और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर डाइट याददाश्त को मजबूत बनाता है।
स्ट्रेस और एंग्जायटी
स्ट्रेस और एंग्जायटी दिमाग के लिए हानिकारक हैं। लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। इससे याददाश्त कमजोर हो सकती है।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी
फिजिकल एक्टिविटी न केवल शरीर के लिए, बल्कि दिमाग के लिए भी फायदेमंद है। एक्सरसाइज करने से दिमाग में ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे याददाश्त तेज होती है। सेडेंटरी लाइफस्टाइल याददाश्त को कमजोर बना सकती है।
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मल्टीटास्किंग
एक साथ कई काम करने की आदत दिमाग पर दबाव डालती है। मल्टीटास्किंग से फोकस करने की क्षमता कम होती है और याददाश्त प्रभावित होती है। इसलिए एक समय में एक काम करना बेहतर होता है।
स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल
स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग को आलसी बना देता है। हर जानकारी के लिए इंटरनेट पर निर्भर रहने से हमारी याददाश्त का इस्तेमाल कम हो जाता है, जिससे यह धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।
स्मोकिंग और शराब पीना
स्मोकिंग और शराब पीना दिमाग के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। ये याददाश्त को कमजोर करने के साथ-साथ दिमाग की काम करने की क्षमता को भी प्रभावित करते हैं।
पानी की कमी
शरीर में पानी की कमी से दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में याददाश्त कमजोर हो सकती है। रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीना जरूरी है।
मेंटल एक्सरसाइज की कमी
दिमाग को भी एक्सरसाइज की जरूरत होती है। पढ़ाई, पहेलियां सुलझाना, नई भाषा सीखना या कोई नया स्किल सीखना दिमाग को एक्टिव रखता है। मेंटल एक्सरसाइज न करने से याददाश्त कमजोर हो सकती है।
सोशल आइसोलेशन
इंसानों के लिए समाज से जुड़े रहना बेहद जरूरी है। अकेले रहने या सोशल कॉन्टेक्ट की कमी से दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।