दुर्ग. छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब धर्मांतरण और मानव तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) के आरोप में दो मिशनरी सिस्टर और एक युवक को बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया। आरोप है कि ये तीनों आरोपी तीन आदिवासी युवतियों को आगरा (उत्तर प्रदेश) में नौकरी दिलाने के बहाने बेचने ले जा रहे थे।
पूरा मामला भिलाई थाना-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी क्षेत्र का है।
क्या है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक का नाम सुखमन मंडावी है, जो नारायणपुर की रहने वाली तीन आदिवासी युवतियों — कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति को लेकर आगरा जा रहा था। उसके साथ दो मिशनरी सिस्टर (नन) भी थीं, जिनमें से एक का नाम सिस्टर प्रीति बताया जा रहा है, जबकि दूसरी नन की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
बजरंग दल को जब इस बात की भनक लगी, तो उन्होंने दुर्ग रेलवे स्टेशन पर इन लोगों को पकड़ लिया और धर्मांतरण तथा मानव तस्करी का आरोप लगाते हुए दुर्ग जीआरपी को सूचना दी।
बवाल और जांच
घटना के बाद रेलवे स्टेशन में काफी देर तक हंगामे का माहौल रहा। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वहीं, जीआरपी ने सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
क्या बोले अधिकारी
पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। युवतियों से भी पूछताछ की जा रही है कि वे कहां जा रही थीं और किन परिस्थितियों में उन्हें साथ ले जाया जा रहा था।

