कोरबा – एसईसीएल मुख्यालय ने कार्यादेश क्रमांक – 666 दिनांक 04/10/26 को खनन विभाग की तबादला सूची जारी की जिसमें ई 8 पद के 11 अधिकारी, ई 7 पद के 04, ई 6 पद के 02 , ई 5 पद का 01, ई 4 पद के 03 और ई 3 पद के 03 अधिकारियों को इधर–उधर किया गया।गौर करने वाली बात यह है कि केवल गेवरा श्रेत्र से पांच अधिकारियों को हटाया गया है।इस सूची में एक नाम ऐसे अधिकारी का है जो अपने कर्मठता,कर्तव्यनिष्ठा और बेहतरीन खनन अनुभव के लिए जाने जाते है।उस अधिकारी का नाम पार्थ मुखर्जी है जिन्होंने खनन श्रेत्र में बड़े बड़े कीर्तिमान रचा है।श्री मुखर्जी ने बडौद परियोजना जो कि रायगढ़ श्रेत्र का हिस्सा है को सब्सिडियरी में एक पहचान दिलाए थे और उत्पादन में इतिहास रचे थे।इसके उपरांत श्री पार्थ की कार्यशैली को देखते हुए दीपका श्रेत्र में पदस्थापना की गई थी जहां महाप्रबंधक संचालन के पद में रहते हुए भू राजस्व विभाग में अपनी महत्पूर्ण योगदान दिए और सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाई और कुछ ही अरसा पहले दोबारा दीपका श्रेत्र में पदस्थ होने के उपरांत दीपका विस्तार के लिए मलगांव जैसे गांव को अधिग्रहण पूर्ण करते हुए 45 हैक्टर भूमि अर्जन की साथ ही समतलीकरण करने के पश्चात उत्पादन में गति दिलाई और इस छह माह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।आप सभी को यह भी साझा करना उचित होगा कि मेगा परियोजना में श्री मुखर्जी चौथी बार पदस्थ हुए है।कुसमुंडा परियोजना सन 2024 में विषम परिस्थिति से गुजर रहा था उस समय इनको परियोजना की कमान सौंपी गई थी।श्री मुखर्जी ने प्रतिदिन 7000 टन से उत्पादन को 150000 टन तक पहुंचाया था जो अपने आप में मिल का पत्थर साबित हुई थी।इन्हीं सभी अनुभवों को ध्यान में रखकर मुख्यालय ने इन्हें इस बार गेवरा परियोजना को सर्वोच्च स्थान पर पहुंचने की जिम्मेदारी सौंपी है जिसमें उत्पादन वर्ष 2025–26 में पहाड़ समान 63 मिलियन के लक्ष्य को भेदने का अवसर इन्हें मिला है।

