भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी, चुनावी धोखाधड़ी और मतदाता सूची में हेरफेर के गंभीर आरोप लगाने के बाद, कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की तैयारी में है। पार्टी ने छत्तीसगढ़ में अगले एक महीने तक ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान चलाने का ऐलान किया है। यह घोषणा एआईसीसी (All India Congress Committee) के जनरल सेक्रेटरीज़ की बैठक के बाद की गई है, जहाँ आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार की गई है।
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तीन चरणों में होगा आंदोलन
कांग्रेस ने इस विरोध प्रदर्शन को तीन चरणों में आयोजित करने का फैसला किया है:
- पहला चरण (14 अगस्त से): कल, 14 अगस्त से छत्तीसगढ़ के सभी जिला मुख्यालयों में विशाल कैंडल मार्च निकाला जाएगा। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताएंगे।
- दूसरा चरण (22 अगस्त से 7 सितंबर तक): इसके बाद राजस्तरीय रैलियां आयोजित की जाएंगी, जिसमें पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे। इन रैलियों के माध्यम से जनता के बीच वोट चोरी के आरोपों को उठाया जाएगा।
- तीसरा चरण (अंतिम चरण): आंदोलन के अंतिम चरण में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत, कांग्रेस जनता से वोट चोरी के खिलाफ समर्थन जुटाएगी और इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर उजागर करेगी।
राहुल गांधी के आरोपों को लेकर कांग्रेस अब मैदान में उतर चुकी है और इस आंदोलन के ज़रिए वह भाजपा और चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की कोशिश करेगी।

