सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आमदनी को टैक्स फ्री करके मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दिया है. नए नियम के अनुसार 1 अप्रैल 2025 से होने वाली 12 लाख रुपये की आमदनी पर आपको किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन कुछ मामलों में आपको 12 लाख रुपये से कम की आमदनी पर भी इनकम टैक्स (Income Tax) देना पड़ सकता है. जी हां, इसमें कुछ खास तरह से होने वाली इनकम को शामिल किया गया है, क्योंकि इन मामलों में सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट से टैक्स की देनदारी जीरो नहीं होगी. बजट में यह साफ कर दिया गया है कि कुछ खास मामलों से होने वाली आमदनी को सेक्शन 87A के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा.
कहां नहीं मिलेगी छूट?
आठ से 12 लाख की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स
नए टैक्स स्लैब के अनुसार आठ लाख से 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत का टैक्स है. इस तरह फाइनेंशियल ईयर 2026 में आपकी 8 लाख तक की इनकम पर सेक्शन 87A की छूट के साथ कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन बाकी के चार लाख रुपये पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (शेयर बाजार में होने वाला प्रॉफिट) के हिसाब से टैक्स स्लैब के हिसाब से 10% आयकर लगेगा, जो कि 40,000 रुपये होता है. इसी तरह यदि आपकी 12 लाख से ज्यादा इनकम है और उसमें आपकी सैलरी व शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन दोनों शामिल हैं तो शेयर बाजार से होने वाली आमदनी पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स देना होगा.
ओल्ड रिजीम के तहत मिलेगी छूट
जानकारों का कहना है कि 87A के तहत मिलने वाली रिबेट को केवल न्यू टैक्स रिजीम के तहत रिजेक्ट किया जाएगा. ओल्ड टैक्स रिजीम में ऐसा नहीं है. ओल्ड टैक्स रिजीम के लिए सेक्शन 111A में शामिल STCG (शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन) और सेक्शन 112 में शामिल LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) जैसी विशेष दर वाली आय पर धारा 87A की टैक्स छूट अभी भी उपलब्ध है. इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (सेक्शन 112A में शामिल) पर सेक्शन 87A की छूट दोनों ही रिजीम (न्यू और ओल्ड) में पहले भी नहीं मिलती थी और बजट में इसके लिए किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत संशोधित स्लैब-
>> 4,00,000 रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं
>> 4,00,001 से 8,00,000 रुपये 5%
>> 8,00,001 से 12,00,000 रुपये 10%
>> 12,00,001 से 16,00,000 रुपये 15%
>> 16,00,001 से 20,00,000 रुपये 20%
>> 20,00,001 से 24,00,000 रुपये 25%
>> 24,00,001 से अधिक आय पर 30%